Friday, December 18, 2015

समेकित एवं जैविक खेती को लेकर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम

समर्पण के द्वारा सहेबाडीह में समेकित एवं जैविक खेती को लेकर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अम्बेदकर किसान क्लब एवं ममता महिला मंडल के सभी सदस्यों ने भाग लिया।  मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक आर. पी. दास, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, कृषि विषेषज्ञ सुरेन्द्र राम, बायफ के बैजनाथ राम एवं प्रधानाध्यापक सरस्वती जोंगो आदि मौजूद थे। 

कार्यषाला को संबोधित करते हुए शाखा प्रबंधक श्री दास ने बैंक से मिलने वाली सुविधाओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि ऋण का सदुपयोग से व्यक्ति का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि किसान क्लब और महिला मंडल के बेहतर कार्य से हम अपने गांव व समाज को पलायन, बेरोजगारी और कुपोषण की बीमारी से मुक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में स्थायी खुषी लाने का एक अच्छा माध्यम खेती है। 

संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि किसान देष की रीढ़ है। इस रीढ़ को सषक्त करने के उद्देष्य से क्लब के सदस्यों को प्रषिक्षित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन-जिन गांवों में क्लब के द्वारा पहल हुआ है वहां का तस्वीर में परिवर्तन आया है।  

आनंददायी षिक्षा को लेकर पहल

समर्पण के द्वारा झारखंड षिक्षा परियोजना के द्वारा तैयार प्रयास एवं बुनियाद कार्यक्रम को म0 वि0 सलैयडीह एवं म0 वि0 रतिथम्भाई के स्कूली बच्चों के बीच आनंददायी षिक्षा का अभ्यास कराया गया।
इसके अलावे बिरहोर टोला, लोकाई, बलरोटांड एवं सलैयडीह के आंगनबाड़ी केंद्रों में आनंददायी षिक्षा को लेकर तैयार अध्ययन तालिका का भी अभ्यास कराया गया।

Monday, November 23, 2015

श्री विधि एक तकनीक है जिसके द्वारा पानी के बहुत कम प्रयोग से भी धान का बहुत अच्छा उत्पादन सम्भव


  • श्री विधि एक तकनीक है जिसके द्वारा पानी के बहुत कम प्रयोग से भी धान का बहुत अच्छा उत्पादन सम्भव -


  • Ramchandra Mahto, Member of Bharti Kisan Club, Nayitand, Jainagar, Koderma 

    • किसानों को श्री विधि से खेती की जानकारी के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया, नतीजा आपके सामने है ..

    • निश्चित तौर पर श्री विधि तकनीक से धान लगाने पर उत्पादकता काफी बढ़ी है।  इससे मॉनसून कमजोर होने की भरपाई संभव है








Friday, October 2, 2015

Saturday, September 12, 2015

आनंददायी षिक्षा के विविध आयामों को लेकर एकदिवसीय क्षमतावर्द्धन कार्यषाला का आयोजन


स्वयंसेवी संस्था समर्पण  की ओर से स्थानीय वर्णवाल धर्मषाला में आनंददायी षिक्षा के विविध आयामों को लेकर एकदिवसीय क्षमतावर्द्धन कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला में मुख्य रूप से विधालय प्रबंधन समिति के सदस्यों, षिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका एवं संस्था के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यषाला में प्रषिक्षक के रूप में गिरिडीह जिला के जिला साधनसेवी अरूण कुमार शर्मा ने आनंददायी षिक्षा एवं प्रयास कार्यक्रमों के विविध आयामों की जानकारी दी। उन्होंने अभिभावक षिक्षक संवाद, विधालय के ढांचागत सुविधा, षिक्षकों का बालमैत्री व्यवहार, बच्चों की शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक सुरक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, व्यक्तिगत देखरेख,
नियमित दैनिक गतिविधि आदि बिन्दुओं पर प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि विधालय के प्रति बच्चों का आकर्षक बनाये रखने के लिए एसएमसी की सक्रियता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम अपने  व्यवहार व कार्यषैली में परिवर्तन लाकर बच्चों के अधिकारों को सुनिष्चित कर सकते हैं।


Sunday, September 6, 2015

कार्यक्रम में गाय, माय और धरती की रक्षा करने एवं श्रीविधि से खेती करने पर बल

स्वयंसेवी संस्था समर्पण की ओर से महेषमराय गांव में आयोजित कृषि विषेषज्ञों के साथ सहमिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में यदुवंषी किसान क्लब के सदस्यों के अलावे ग्रामीणों ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विषेषज्ञ राम किषुन संुडी ने कहा कि जीवन में स्थायी खुषी लाने का एक अच्छा माध्यम खेती है। उन्होंने गाय, माय और धरती की रक्षा करने एवं श्रीविधि से खेती करने पर बल दिया।
समर्पण के उत्प्रेरक जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि किसान यदि बैंक से मिलने वाली ऋण का सदुपयोग करें, तो दुनिया में आगे निकलने से हमें कोई नहीं रोक सकता।  उन्होंने केसीसी, जेएलजी, डब्ल्यूएसएचजी, जनधन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एवं अन्य सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्लब के अध्यक्ष मुंषी यादव, सचिव अंजन कुमार, सुरेन्द्र यादव सहित कई लोगो ने भाग लिया।

Saturday, September 5, 2015

आदिवासी संस्कृति को समझने का प्रयास



ढोढाकोला के जंगलों में वर्षो से रह रहे आदिवासियों के सभ्यता-संस्कृति को समझने का प्रयास कर रहे हैं समर्पण के सामाजिक कार्यकर्ता सह पत्रकार आषुतोष कुमार सिन्हा। 

Tuesday, September 1, 2015

एक प्रयास यह भी

झारखण्ड में फिलहाल पारा टीचर हड़ताल पर है।  ऐसी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
 इसी को देखते हुवे कम्युनिटी से कुछ साथी और कुछ हम समर्पण के साथी मिलकर यह प्रयास कर रहे हैं।  आपका सुझाव और सहयोग भी चाहिए।  

Wednesday, August 19, 2015

गीत-नाट्य के माध्यम से शैक्षणिक वातावरण निर्माण एवं ग्रामीण समस्याओं को लेकर जागरूकता अभियान

डोमचांच प्रखंड के बंगाखलार, ढाब एवं ढोढ़ाकोला पंचायत के गांवों में संस्था समर्पण की ओर से नुक्कड़ नाटक
के माध्यम से शैक्षणिक वातावरण निर्माण एवं ग्रामीण समस्याओं को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कलाकारों ने गीत-नाट्य के माध्यम से आज बंगाखलार, नावाडीह एवं ढाब गांव में भविष्य का सौदा नामक नाटक प्रस्तुत कर बच्चों को स्कूल भेजने एवं सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
कलाकारों में रामकिषोर सिंह, जितेन्द्र सिंह, राजू सिंह, आषा देवी, नागेष्वर तुरी, मीना बनर्जी, रवि, मोनू, विजय यादव आदि की भुमिका सराहनीय रही।

Friday, July 31, 2015

Announcement regarding vacancy at SAMARPAN

Samarpan is  a civil society institution working on the issues of child Right at Koderma. Samarpan seeks to strengthen accountability of Govt. System and RTE ensure through advocacy and different activities. For details of our work, Plz. Visit our website www.samarpanjharkhand.org

Job Title – Accountant, Job location: Koderma

Number of vacancies
:  1                                      

Essential qualifications
  • B.com/M.Com
  • Master in Tally (ERP9)  and manual account.
  • Minimum 2 years of work experience as an accountant preferably in NGO.
  • Excellent computer efficiency.
  • Fluency in spoken and written English and communicative ability in Hindi. 
Salary: 9000 per month.

How to apply:
Interested Candidate are requested to send CV at samarpanjharkhand@gmail.com

The dateline for sending application/CV is 20th August, 2015.

Only shortlisted candidates will be contacted.


Wednesday, June 17, 2015

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन को लेकर जागरूकता अभियान

संस्था समर्पण  की ओर से चलाये जा रहे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन को लेकर जागरूकता अभियान का आज चेहाल में समापन हो गया। समर्पण के टीम ने जिले के 30 असघन गांवों में जा-जाकर नुक्कड़ नाटक
के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। समर्पण के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिषन के तहत मिलने वाली सुविधाओं एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ने, सरकारी लाभ योजनाओं का लाभ उठाने आदि के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों का विषेष सहयोग रहा। 

कोडरमा में स्कूलपूर्व षिक्षा प्रणाली को लेकर जिलास्तरीय कार्यषाला का आयोजन

संस्था समर्पण  की ओर से  वर्णवाल सेवा सदन, कोडरमा में स्कूलपूर्व षिक्षा प्रणाली को लेकर जिलास्तरीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला में विभिन्न क्षेत्रों के आंगनबाड़ी सेविका, पंचायत जनप्रतिनिधि, महिला मंडल के सदस्य, षिक्षाप्रेमी के अलावे संस्थाकर्मियों ने भी भाग लिया।
कार्यषाला का विषय प्रवेष कराते हुए संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषण के साथ-साथ बच्चों को षिक्षा के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। जहां बच्चों को स्कूल जाने से पहले की तैयारी किया जाता है। बच्चों को खेल-कूद एवं मनोरंजन के माध्यम से गिनती, वर्णमाला आदि का ज्ञान दिया जाता है। ताकि, बच्चे 6 साल के बाद वह स्कूल के वातावरण में सही सलामत शामिल होकर षिक्षा हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि संस्था समर्पण ने बसधरवा एवं सलैयडीह गांव का स्कूल एवं आंगनबाड़ी को गोद लेने एवं उसे माॅडल बनाने का निर्णय लिया है।
अधिवक्ता षिवनंदन कुमार शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में आनंददायी षिक्षा की व्यवस्था एवं आनंददायी षिक्षा के प्रति सेविकाओं में समझ की कमी है। सेविकाओं को चाहिए कि वे अपने नाम के अनुरूप बच्चों के लिए विषेष अभिरूचि लें और अपने सेंटर पर एक अध्ययन तालिका रखकर खेल-खेल में बच्चों को सीखायें।
अधिवक्ता रीना शर्मा ने कहा कि 3 से 5 साल के बच्चों को षिक्षा से लैस करने की जबाबदेही जितना सेविका का है उससे कहीं उनके अभिभावकों का है या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका बच्चों के लिए दूसरी मां स्वरूप है।
कार्यषाला में 3 से 5 आयुवर्ग के बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने, आंगनबाड़ी के बेहतर संचालन के लिए माॅनिटरिंग हो इसके लिए सरकारी तंत्र पर दबाव बनाने, आंगनबाड़ी केंद्र में भी अंडा व फल की व्यवस्था करने, सेविकाओं के लिए विषेष प्रषिक्षण देने एवं नर्सरी षिक्षण काॅर्स अनिवार्य करने, संसाधन बढ़ाने एवं संसाधनों का सदुपयोग हो इसके लिए अभिभावकों को आगे लाने आदि निर्णय लिये गये। इससे संबंधित एक मांग पत्र सरकार को सौंपे जाने का भी निर्णय लिया गया।
धन्यवाद ज्ञांपन पंसस गणेष दास ने किया।

Sunday, May 24, 2015

बलरोटांड़ गांव में छोटे-छोटे बच्चों के साथ बाल सभा का आयोजन

संस्था समर्पण की ओर से कोडरमा के बलरोटांड़ गांव
में छोटे-छोटे बच्चों के साथ बाल सभा का आयोजन। 

झुमरी तिलैया नगर निकाय चुनाव 2015 के लिए मतदाता जागरूकता अभियान

स्वयंसेवी संस्था समर्पण की ओर से चलायी जा रही मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का समापन रविवार को हो गया। कलाकारों ने अभियान के अंतिम दिन तिलैया शहर के वार्ड नंबर 22, 23 एवं 24 में नुक्कड़ नाटक के
माध्यम से वोट की महता की जानकारी दी। कलाकारों ने न नषे से, न नोट से किस्मत बदलेगी वोट से, बहकावे में तुम कभी न आना, सोच-समझ कर बटन दबाना, वोट के दिन जो सोयेगा, वो पांच वर्ष मौका खोयेगा। युवा हो तुम देष की शान, जागो, उठो करो मतदान। जागरूक समाज की होगी तभी पहचान, जब होगा शत-प्रतिषत मतदान। छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान। करे तिलैया का जो उत्थान, करें उसी को मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है, मतदान से मत घबराओ, नागरिकता का फर्ज निभाओ...............जैसे कई आर्कषक नारों व विचारों के साथ मतदाताओं को जागरूक करने का सफल प्रयास किया।

Tuesday, May 5, 2015

मनरेगा गांव के लिए एक वरदान

कोडरमा के सुदूरवर्ती पंचायत डगरनवां में समर्पण के कलाकारों ने आम के आम, गुठली के दाम नामक
नाटक प्रस्तुत कर मनरेगा की खूबियों की जानकारी दिया। कलाकारों ने कहा कि मनरेगा में अपना खेत अपना काम जैसी योजना है। इसका लाभ अवष्य उठायें। कलाकारों ने कहा कि अब सिंचाई और पानी की समस्या का कोई टेंषन नहीं है। मनरेगा हर मर्ज का दवा के रूप में है। समग्र विकास की बात हो या फिर गांव के चारों ओर हरियाली कायम करने की। मनरेगा हर गांव के लिए एक वरदान है। 

Saturday, April 18, 2015

खुषबू हो हर फूल में, बच्चें हों स्कूल में.................

स्कूल प्रबंधन समिति भुईयांटोला, लोकाई एवं समर्पण के संयुक्त तत्वावधान में विधालय चलें-चलायें अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाली गयी।
रैली का नेतृत्व प्रधानाध्यापिका संपदा मिश्रा एवं समर्पण के मेरियन सोरेन ने किया। रैली के माध्यम से बच्चों को प्रतिदिन स्कूल भेजने, छिजित बच्चों के नामांकन कराने एवं विधालय के बेहतर संचालन में मदद करने का अनुरोध किया गया। सभी बच्चे हाथों में स्लोगन लिखे तख्तियों के साथ चल रहे थे और ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, पहले पढ़ाई फिर विदाई, खुषबू हो हर फूल में, बच्चें हों स्कूल में...........आदि नारे लगा रहे थे।

Thursday, April 16, 2015

बैठक में तैयार किया गया बाल मुद्दों एवं स्कूली समस्याओं पर आधारित प्रखंड षिक्षा प्रसार पदाधिकारी के नाम बच्चों की अपील पत्र

बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत स्वयंसेवी संस्था समर्पण के द्वारा झरीटांड में बाल समूह के बच्चों एवं षिक्षकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रधानाध्यापिका सुनिता कुमारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधालय चलें-चलायें अभियान पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि 6 से 14 आयुवर्ग के सभी बच्चों को स्कूल में होना जरूरी है। इसके लिए 30 अप्रैल तक विषेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल करने के लिए संस्था द्वारा इंदरवा एवं लोकाई पंचायत के सभी स्कूलों के पोषक क्षेत्रों में विषेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि, शत प्रतिषत नामांकन, ठहराव एवं विधालयों में गुणवत पढ़ाई सुनिष्चित हो सके।
प्रधानाध्यापिका सुनिता कुमारी ने संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों का सराहना करते हुए कहा कि षिक्षा से वंचित इंसान समय के साथ नहीं चल सकता।
बैठक में बाल मुद्दों एवं स्कूली समस्याओं पर आधारित प्रखंड षिक्षा प्रसार पदाधिकारी, कोडरमा के नाम बच्चों की अपील पत्र तैयार किया गया। जिसमें खासकर पुस्तक समय पर न मिलना, शौचालय की समस्या, षिक्षकों की कमी, डेस्क-बैंच की कमी, बाॅड्रीवाल का अधूरा होना, खिड़की का पल्ला का टूटा होना, चापानल की सुविधा, खेल सामग्री, प्लेट, ड्रेस आदि की मांग शामिल है।

Saturday, March 21, 2015

क्षेत्र में जीवंत, सतत एवं जैविक खेती की जरूरत

संस्था समर्पण के द्वारा मुसौवा में एकदिवसीय आधारस्तरीय उन्मुखीकरण प्रषिक्षण षिविर का आयोजन किया गया। मौके पर जयहिन्द किसान क्लब का उद्धाटन एनएसपी स्कूल परसाबाद के प्राचार्य मो0 मुस्ताक अहमद खां ने किया। मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक भुपेन्द्र कुमार, युनाइटेड बैंक के शाखा प्रबंधक आरबी नाथ, कृषि विषेषज्ञ रामकिषुन संुडी, समाजसेवी नारायण कुमार शर्मा, तुलसी दास एवं संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के भूपेन्द्र कुमार ने संस्था के कार्याे की प्रषंसा करते हुए कहा कि खेत को हमेषा हरा भरा रखने एवं खलियान भरने के लिए किसानों को खेती के क्षेत्र में नई तकनीक सीखने की खास जरूरत है। इसके लिए ही कृषि विज्ञान केंद्र खोला गया है। उन्होंने कहा कि खेती का मतलब सिर्फ धान उगा लेना मात्र नहीं है। उन्होंने जीवंत, सतत एवं जैविक खेती करने पर बल दिया।
उद्घाटनकर्ता मो0 मुस्ताक अहमद खां ने कहा कि किसान क्लब के बेहतर संचालन से जहां आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक बदलाव भी संभव है।
कृषि विषेषज्ञ राम किषुन प्रसाद ने बीज, खाद, पानी, टेक्नीक, मौसम, बाजार और बीमा की जानकारी विस्तार से दी। उन्होंने कहा कि गाय, माय एवं धरती की रक्षा करने एवं गांव को सुखी व समृद्ध बनाने के लिए ही गांव-गांव में किसान कलब का गठन किया जा रहा है।
संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि किसान क्लब अब एक प्रेषर ग्रुप के रूप में कार्य करते हुए मौजूदा परिस्थिति एवं व्यवस्था की खामियों को दूर करेगी। उन्होंने विकास की नई सोच, नई तकनीक, प्रषिक्षण लेने एवं विचार, ह्दय एवं व्यवस्था परिवर्तन करने की बात कही।

Friday, March 13, 2015

SUPPORT US

We welcome donations through Cheques/Demand Drafts. Please make the Cheque/DD Payable to "SAMARPAN". Donations received will be acknowledged and are exempted under Section 80G of Income Tax Act.

Meet with Expert Program at kathadih, Koderma



Saturday, February 28, 2015

कुपोषण मुक्त पंचायत बनाने का निर्णय

कुपोषण के मुद्दे पर पंचायत स्तर के फ्रंट लाइन सामुदायिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधिं, महिला पर्यवेक्षिका, एएनएम, सहिया, सहिया साथी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बीटीटी एवं महिला मंडल के सदस्यों के साथ कुपोषण के मुद्दे पर संस्था समर्पण के द्वारा पंचायत भवन इंदरवा में एकदिवसीय सामुदायिक संवेदीकरण कार्यषाला सह बैठक का आयोजन किया गया।  
कार्यषाला को संबोधित करते हुए मुखिया प्रभु यादव ने कहा कि हम अपने पंचायत को कुपोषण के मुद्दे पर मुक्त पंचायत बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोंडेंगे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी के बेहतर संचालन एवं सुविधाओं को लाभूकों तक पहुंचाने के लिए हमें आप सभी का सहयोग चाहिए।  
बीटीटी बाल मुकुन्द प्रसाद ने कहा कि अपने बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए बाल विकास परियोजना के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता, अभिभावक, परिवार एवं समुदाय की महत्वपूर्ण भुमिका है। उन्होंने कहा कि बाल विकास परियोजना में तहत 0-6 आयु वर्ग के सभी बच्चों के संपूर्ण विकास, किषोरियों, गर्भवती व धातृ महिलाओं को स्वस्थ्य रखने एवं समुचित पोषण आहार से युक्त करने की व्यवस्था है। यदि न मिले तो आवाज बंुलंद करें। 
पंचायत समिति सदस्य तारा देवी ने कहा कि रेटी टू ईट आंगनबाड़ी से लेना और इस्तेमाल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की चीज फ्री का चीज समझ कर इस स्कीम का खिल्ली न उडायें। 
रांची से आये सृजन फाउन्डेषन के शेखर कुमार सिंह ने कहा  आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन मषीन नहीं है और न ही नियमित ग्रोथ माॅनिटरिंग हो रहा है। जिसका खमियाजा हम सभी को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कुपोषण की मुक्ति के लिए नियमित जांच, टीकाकरण, स्तनपान, खान-पान, संस्थागत प्रसव, ममता, एमटीसी आदि का भरपूर लाभ उठाने की बात कही।  
जिला विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े बालेष्वर राम ने बाल विवाह कानून की जानकारी देते हुए कहा कि जब-जब नियमों व कानूनों का उल्लंघन हुआ है तब तब इसका दुष्परिणाम समाज को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कम उम्र में शादी नहीं करने एवं आंगनबाड़ी के बेहतर संचालन में सहयोग करने के लिए समुदाय को आगे आने की बात कही। 
कार्यषाला को कृषि विषेषज्ञ राम किषुन प्रसाद, कानूनी सहायता केंद्र के प्रभारी तुलसी कुमार साव, पंसस तारा देवी, पंसस गणेष दास, आरटीआई कार्यकर्ता विजय यादव, चमेली देवी, मीना देवी, बसंती देवी, मीना बनर्जी, विमला देवी, आषीष कुमार, मंजू देवी, सुनिता देवी, रेणु देवी, गांगो यादव, प्रकाष साव, वार्ड सदस्य राजकुमार पासवान, मोनू सहित 48 लोगों ने भाग लिया।  

Wednesday, February 25, 2015

कुपोषण के मुद्दे पर एकदिवसीय सामुदायिक संवेदीकरण कार्यषाला सह बैठक का आयोजन

'सफल नेटवर्क' अंतर्गत ''अडाॅप्ट ए पंचायत'' अभियान 2015 के तहत संस्था समर्पण के द्वारा चितरपुर स्कूल प्रागंण में एकदिवसीय सामुदायिक संवेदीकरण कार्यषाला सह बैठक का आयोजन किया गया। कार्यषाला को संबोधित करते हुए अधिवक्ता षिवनंदन कुमार शर्मा ने कहा कि कुपोषण बहुत सारे सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक कारणों का परिणाम है। उन्होंने भूख एवं गरीबी को राजनीतिक ऐजेंडा में रखने एवं झारखंड के गांवों को कुपोषण, बाल विवाह, बाल श्रम, भेदभाव, षिषु मृत्यू से मुक्त करने के लिए समुदाय को आगे आने की बात कही।
पंचायत समिति सदस्य तारा देवी ने कहा कि कुपोषण का अर्थ है पोषण की कमी। उन्होंने कहा विभाग इसके लिए सक्रिय है लेकिन, हमलोगों के अंदर ही कमी है इसलिए हमलोग विभाग से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ दूसरे पर तोहमत लगाने मात्र से सिस्टम नहीं बदलने वाला है। उन्होंने अपने हक व अधिकारों की प्राप्ति के लिए महिला मंडल को सक्रिय व सामुहिक आवाज उठाने की बात कही। 
संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने विषय प्रवेष कराते हुए कहा कि आज के समय कुपोषण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। यहां तक की विष्व बैंक ने इसकी तुलना ‘ब्लैक डेथ‘ नामक महामारी से की है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का वजन एवं वृद्धि चार्ट निर्माण कार्य नियमित रूप से नहीं हो रहा है। ज्यादातर केंद्रों में वजन मषीन खराब पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बाल विकास परियोजना के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता, अभिभावक, परिवार एवं समुदाय की महत्वपूर्ण भुमिका है। 
कार्यक्रम समन्वयक आषीष कुमार ने जयनगर में महिला मंडल द्वारा हो रहे साकारात्मक प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि आजीविका की समस्याओं का हल करके हम इसे रोक सकते हैं। उन्होंने बाल विवाह एवं बेटियों के साथ भेदभाव नहीं करने की बात कही। 
मौके पर नये आंगनबाड़ी, नियमित टीकाकरण, वजन, ग्रोथ चार्ट, षिषु मृत्यू दर में कमी, जंगल सुरक्षा एवं पानी की समस्या के लिए जनावेदन तैयार कर उपायुक्त को सौंपने का निर्णय लिया गया। 

Wednesday, February 11, 2015

नईटांड़ में एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम

संस्था समर्पण एवं भारती किसान क्लब के संयुक्त तत्वावधान में नईटांड़ में एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृषि विज्ञान केंद्र के जिला समन्वयक बी. के. सिंह, नाबार्ड के डीडीएम भास्कर मिर्धा, कृषि विषेषज्ञ राम किषुन प्रसाद, कानूनी सहायता केंद्र के प्रभारी बालेष्वर राम, मुखिया किषोर साव एवं संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू आदि उपस्थित थे। 
बी. के. सिंह ने कहा कि खेती का मतलब सिर्फ धान उगा लेना मात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक से खेती करने का हूनर सीखना आज हर किसानों के लिए आवष्यक है। उन्होंने जैविक खेती करने पर बल दिया।
डीडीएम भास्कर मिर्धा ने कहा कि किसान क्लब के बेहतर संचालन से जहां आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक बदलाव भी संभव है। 
राम किषुन प्रसाद ने बीज, खाद, पानी, टेक्नीक, मौसम, बाजार और बीमा की जानकारी विस्तार से दी। वहीं बालेष्वर राम ने कानूनी पक्षों की जानकारी देते हुए कहा संगठित आवाज से व्यवस्थाएं बदलती है। क्लब की नियमित बैठक एवं व्यवस्था की कमियों व खामियों के विरूद्ध आवाज उठाना निहायत जरूरी है।

Wednesday, February 4, 2015

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वितीय साक्षरता कार्यक्रम

संस्था समर्पण के द्वारा जिले के सभी 109 पंचायतों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वितीय साक्षरता कार्यक्रम का आज शुभांरभ एलडीएम सुषील कुमार के द्वारा उद्घाटन कर किया गया। झुमरी पंचायत से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम मंे मुख्य रूप से नाबार्ड के डीडीएम भास्कर मिर्धा, एफएलसीसी के जिला समन्वयक सुधीर कुमार, आरसेटी के निदेषक बृन्दा प्रसाद, मुखिया महादेव दास, पंसस गणेष दास, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू आदि उपस्थित थे। मौके पर समर्पण के कलाकारों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, किसान क्लब, महिला स्वयं सहायता समूह, मोबाईल इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम कार्ड, केसीसी एवं बैंकों से मिलनेवाली सुविधाओं की
जानकारी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गयी। उपस्थित अधिकारियों ने भी अपने संबोधन में कहा कि जरूरत पड़े तो महाजन के बजाय बैंक या स्वयं सहायता समूह से ही कर्जा लेना बेहतर है। बैंक अब आपके द्वार पहुंचकर लाभ देने के लिए तैयार है। सभी के नाम अपना बचत खाता होना बेहद जरूरी है। इसके लिए जीरो वैलेंस पर खाता खोला जा रहा है और सभी खाता को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। 
इसके बाद समर्पण के कला जत्था द्वारा करमा एवं छतरबर पंचायत में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वितीय साक्षरता पैदा करने का प्रयास किया गया। जहां मुखिया मंजू देवी एवं करमा के पंसस मुखतार अंसारी, कपुरवा देवी, चमेली देवी, कविता देवी, वार्ड सदस्य विजय यादव सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। 

Saturday, January 17, 2015

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मनरेगा का प्रचार-प्रसार

संस्था समर्पण की टीम की ओर से कोडरमा के जयनगर एवं डोमचांच 
में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मनरेगा का व्यापक प्रचार-प्रसार

Friday, January 16, 2015

जैविक, जीवंत और सतत कृषि को बढ़ावा देने का निर्णय

संस्था समर्पण के द्वारा सांथ में गठित जीवन किसान क्लब के सदस्यों के साथ कृषि विषेषज्ञों के साथ
सहमिलन कार्यक्रम में जैविक, जीवंत और सतत कृषि को बढ़ावा देने एवं पषुपालन की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय