Saturday, December 10, 2016

अपने अधिकारों को जानने एवं मौलिक कर्तव्यों को समाज हित में उपयोग करने का संकल्प..

मानवाधिकार दिवस के अवसर पर समर्पण, जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं फेम झारखंड की ओर से इंदरवा पंचायत भवन में बराबरी की बात सबके साथ विषय पर एकदिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला के मुख्य अतिथि जिला जज ;द्वितीयद्ध संजय कुमार सिंह, एसीजेएम सह डालसा सचिव अजय कुमार श्रीवास्तव, न्यायायिक दंडाधिकारी एसआर सौरेन, अधिवक्ता धीरज जोषी, कुमार रौषन, समर्पण सचिव इन्द्रमणि साहू आदि उपस्थित थे।
कार्यषाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला जज द्वितीय संजय कुमार सिंह ने कहा कि कम उम्र में शादी तथा महिलाओं पर हिंसा एक सामाजिक अभिषाप है। जब हम सभी इस अभिषाप के खिलाफ उठ खडें होंगे तभी समाज में नया बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर बेटियां को बेटे की तुलना मे कमतर अांका जाता है जिससे समाज में गैर बराबरी की स्थिति उत्पन होती है। उन्होंने उपस्थित नागरिकों व बच्चों से अपने अधिकारों को जानने एवं मौलिक कर्तव्यों को समाज हित में उपयोग करने का संकल्प कराया।
डालसा सचिव अजय कुमार श्रीवास्तव ने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई आयोग बनाये गये हैं, चाइल्डलाइन सेवा 1098, स्थानीय स्तर पर थाना या जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सेवा उपलब्ध है। जो बाल अधिकारों व मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ वाले मामले पर निगरानी रखता है। उन्होंने कहा कि अधिकांष बच्चों को पूरी षिक्षा नहीं मिल पाती है। जबकि, देष में षिक्षा अधिकार कानून एवं स्कूलों में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही लड़कियों के साथ भेदभाव, डायन व अन्य केस-मुकदमों में फंसकर आर्थिक क्षतिग्रस्त होना, अधिकारों से वाकिफ रहते हुए कर्तव्यों से दूर भागना, योजनाओं का लाभ न लेना, दूसरों के हित में स्वयं को न लगाना कहीं न कहीं हमारा पिछड़ापन की निषानी है।

न्यायायिक दंडाधिकारी एसआर सौरेन, अधिवक्ता धीरज जोषी एवं कुमार रौषन ने मानवाधिकार दिवस के उद्देष्यों, सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं एवं विकासषील नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि बच्चे देष के वर्तमान व भविष्य हैं, इनके नैसर्गिक प्रतिभा विकास में हम सभी सहयोग कर एक सबल राष्ट्र का निर्माण करें।

संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि संस्था के द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि बराबरी के रिश्ते परिवार व समाज के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने बराबरी की बात सबके साथ अभियान से जुड़ने व परिवर्तन के साथी बनने की अपील की। ।

Saturday, November 19, 2016

हमसभी बच्चों को हिफाजत व सुरक्षा देने केलिए जिम्मेदार बने- उपायुक्त संजीव कु बेसरा

संस्था समर्पण की ओर से चाइल्ड लाइन से दोस्ती कार्यक्रम के तहत आज उपायुक्त संजीव कु बेसरा की अध्यक्षता में समाहरणालय परिसर में मानव श्रृखला बनाया गया।
मौके पर उपायुक्त श्री बेसरा ने चाइल्ड लाइन के बच्चों से अपने हाथों में दोस्ती बैंड बंधवाया इसके बाद फिर बारी बारी सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मियों व  मिडिया कर्मियों ने अपने हाथों में दोस्ती बैंड बंधवाकर  बच्चों का हिफाजत करने, सुरक्षा देने, चाइल्ड लाइन का हिस्सा बनने एवं बच्चों को मान प्यार देने का संकल्प दोहराया । उपायुक्त ने कहा कि यह काम शिर्फ समर्पण का नहीं हैं  बल्कि हमसभी का है । हम सभी बच्चों को हिफाजत व सुरक्षा देने केलिए जिम्मेदार बने. इसके बाद फिर बारी बारी सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मियों व  मिडिया कर्मियों ने अपने हाथों में दोस्ती बैंड बंधवाकर  बच्चों का हिफाजत करने, सुरक्षा देने, चाइल्ड लाइन का हिस्सा बनने एवं बच्चों को मान प्यार देने का संकल्प दोहराया । 

उपायुक्त श्री बेसरा ने समर्पण के द्वारा किये जा रहे प्रयासों का सराहना करते हुए कहा कि यह काम शिर्फ समर्पण का नहीं हैं  बल्कि हमसभी का है। हमसभी बच्चों को हिफाजत व सुरक्षा देने केलिए जिम्मेदार बने। इसके पूर्व चाइल्ड लाइन के टीम कोडरमा थाना सीडब्लूसी , डीसीपीयु, जेजेबी, समाज कल्याण,  कल्याण शाखा, जिला शिक्षा अधिक्षक का कार्यालय,  उपविकास आयुक्त का कार्यालय एवं पुलिस अधिक्षक का कार्यालय में जाकर पदाधिकारियों से भेंट, कार्यालय का भ्रमण एवं बाल श्रृखला बनाया गया एवं संकल्प कराकर कहा गया कि यदि कोई बच्चा मानसिक, आर्थिक, शारीरिक एवं भावनात्मक रुप से शोषित व प्रताड़ित हो रहा, बाल विवाह हो रहा हो,बाल श्रम कराया जा रहा हो ,बाल योन शोषण के शिकार हो या उन्हें न्याय की जरूरत हो, बाल व्यापार या बाल तस्करी हो रहा हो या होने वाला हो,कोई बच्चा बीमार और अकेला हो, किसी बच्चे को आश्रय की जरूरत हो,कोई बच्चा छूट गया हो या गुम हो गया हो,कोई बच्चा पिट रहा हो, कानूनी विवाद में उलझे हुए हो, आपदा में फंसे हो ,ऐसे बच्चे मिले तो 1098 पर काॅल करें . 

Saturday, November 12, 2016

kharidih school में MDM में सुधार एव अनुशासन में वृद्धि.

 SMC, childline koderma & Samarpan के प्रयास से kharidih school में MDM में सुधार एव अनुशासन में वृद्धि....

Wednesday, October 19, 2016

Announcement regarding vacancy at SAMARPAN

Samarpan is a civil society institution working on the issues of child Right & Community Development at Koderma. Samarpan seeks to strengthen accountability of Govt. System and RTE ensure through advocacy and different activities. For details of our work, Plz. Visit our website www.samarpanjharkhand.org and http://samarpan.ngo.karmaworld.co/

Job Title Project Supervisor, 

Job location: Koderma

Number of vacancies
:  1                                    

Essential qualifications
Bachelor Degree/ MSW/RD/DCA/Well knowledge of English & Hindi with 2 year work experience in Social Sector.

Salary: 13200 per month.
Interview date:  28th October 2016
Address for interview: SAMARPAN, At-Sundernagar, Koderma-825410 (Jharkhand)


How to apply:
Interested Candidate are requested to send CV at samarpanjharkhand@gmail.com

The dateline for sending application/CV is 27th October, 2016.

Only short listed candidates shall be notified by us.

(Indramani Sahu)
Secretary,
Samarpan
9934148413



Friday, September 30, 2016

ढोढ़ाकोला की किशोरियां अब अपना भाग्य खूद लिखेंगी.....

माईका माइंस एरिया ढोढ़ाकोला की किशोरियां अब न ढ़िबरा चुनने जायेंगी और न ही 18 साल से पहले शादी करेंगी। किशोरियां उच्च शिक्षा हासिल कर एवं हूनर सीखकर अपनी जिंदगी गढेंगी। अपना भाग्य खूद लिखेंगी। ऐसा फैसला आज स्वयंसेवी संस्था समर्पण द्वारा समसिहरिया गांव में आयोजित रोज किशोरी क्लब के सदस्यों के क्षमतावर्द्धन कार्यशाला में लिया गया। किशोरियों ने कहा कि हमारे इलाके में समस्याओं का अंबार है। हाई स्कूल नहीं है। आठवीं तक के लिए विधालय हैं, परंतु पर्याप्त शिक्षक नहीं है। लिहाजा, हमलोगों की पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती है। विधालयों में संसाधनों का घोर अभाव है। इन सभी समस्याओं के विरूद्ध किशोरियां आवाज उठायेंगी।
कार्यशाला को संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, चाइल्डलाईन के रेखा देवी, तुलसी कुमार साव, आशुतोष कुमार सिन्हा, सन्नी कुमार, संतोष कुमार पांडेय आदि ने संबोधित किया।

Thursday, September 22, 2016

ऐन्युअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिर्पोट (असर) 2016 के लिए संस्था समर्पण का चयन

ऐन्युअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिर्पोट (असर) 2016 के लिए संस्था समर्पण एवं प्रथम संस्था की ओर से गुणात्मक शिक्षा का मूल्यांकन हेतु जिलास्तरीय तीन दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। वर्णवाल सेवा सदन में आयोजित इस कार्यक्रम में रांची से आये मास्टर ट्रैनर के रूप में प्रभाकर कुमार, जितेन्द्र कुमार, भोलानाथ एवं संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू उपस्थित थे। 
प्रभाकर कुमार ने प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए कहा कि ऐन्युअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिर्पोट (असरद्) शिक्षा के क्षेत्र में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर घरों में किया जाने वाला सबसे बड़ा सर्वेक्षण है जो यह पता लगाता है कि क्या बच्चे विधालय में नामांकित हैं और क्या वे सीख रहे हैं। यह सर्वेक्षण प्रथम संस्था के नेतृत्व में किया जाता है। कोडरमा में इस कार्य हेतु समर्पण नामक संस्था का चयन किया है।
प्रशिक्षकों ने बताया कि असर एवं समर्पण की टीम जिले के सभी प्रखंड़ों से 30 गांवों के 600 घरों का चयन कर रैंडम सर्वे कर 3-16 आयुवर्ग के बच्चों से हिन्दी, गणित एवं अंग्रेजी के कुछ बुनियादी प्रश्न एवं कुछ सरल पाठ से बुनियादी शिक्षण स्तरों की जांच करेंगे। इस कार्य के लिए समर्पण ने 30 सर्वेक्षकों को लगाया गया है। 

Wednesday, September 7, 2016

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत पोषण उत्सव सह जागरूकता शिविर....

समर्पण एवं क्रेज की ओर राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत बसधरवा आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण उत्सव सह जागरूकता शिविर कार्यक्रम के साथ आज यह अभियान समाप्त किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि सीडीपीओ साधना चौधरी एवं संस्था के सचिव इन्द्रमणि साहू उपस्थित थे।
सीडीपीओ साधना चौधरी ने गर्भवती माताओं के खान-पान, टीकाकरण, पोषण, साफ-सफाई, गोद भराई के रस्मों-रिवाज, गांव में प्रचलित परंपरा और अवधारणाओं आदि की जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में कुपोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इससे निजाद दिलाना हम सभी माताओं का कर्तव्य हैं। उन्होंने कहा कि छह माह तक बच्चों को कोई उपरी आहार नहीं दें। पानी, घुट्टी, मिस्स्री ताल भी नहीं। सिर्फ मां का दूध ही दें। उन्होंने कहा कि बच्चे को पहले खिरसा दूध ही दें। इससे बच्चों को हर तरह का पोष्टिक आहार मिल जाता है और कुपोषण आदि से मुक्ति भी।
संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने पिछले एक सप्ताह से चलाये जा रहे इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा अपने व्यवहार एवं कार्यशैली में बदलाव लाकर जच्चे-बच्चे को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 1000 दिन की देखरेख, गर्भावस्था एवं धातृ अवस्था के दौरान अतिरिक्त आहार एवं आसपास की साफ-सफाई की आवश्यकता है।
सेविका संध्या राय ने आंगनबाड़ी की 6 सेवाओं एवं सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी महज खिचड़ी केंद्र नहीं है बल्कि अब नर्सरी स्कूल हो गया है। यहां बच्चों का नियमित टीकाकरण एवं वृद्धि अनुश्रवण भी होता है। उन्होंने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र नियमित भेजने की अपील की।

Wednesday, August 24, 2016

जिलास्तरीय क्षमतावर्द्धन कार्यशाला का आयोजन....

संस्था समर्पण एवं फेम झारखंड की ओर से स्थानीय वर्णवाल सेवा सदन में एकदिवसीय जिलास्तरीय क्षमतावर्द्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बाल अधिकारों के संरक्षण में पुरूषों की जिम्मेदार पिता के रूप में भूमिका पर विशेष चर्चा किया गया।
प्रशिक्षक स्वरूप ज्ञान विज्ञान समिति के असीम सरकार ने बाल अधिकारों एवं महिला हिंसा के स्वरूपों की जानकारी देते हुए कहा कि एक पुरूष या पिता की भुमिका सिर्फ पैसा कमाना, संसाधन जुगाड़ करना या घर-परिवार में अनुशासन बनाए रखना नहीं है बल्कि उनकी जबावदेही व जिम्मेदारी बच्चों व महिलाओं को सम्मान देना व सहयोग करना भी है। उन्होंने कहा कि हम एक तरफ कुंवारी लड़कियों को पूजते हैं तो दूसरी तरफ कुचलने का भी काम करते हैं। समाज में नगद  कमाने वाले को महत्व दिया जाता है जबकि, महिलाएं दिन-रात बच्चों व हम पुरूषों को सेवा देते हैं फिर भी हम उन्हें उतना महत्व नहीं देते हैं।
संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने समझदार जोड़ी एवं जिम्मेदार पिता के सिद्धांत पर अपनी बात रखते हुए कहा कि पिता का मतलब आज बच्चों के मन में डर पैदा करने वाला शब्द हो गया है। जबकि, एक पिता को अपने घर के महिलाओं, पत्नी व बच्चों के बीच भावनात्मक तरीके से भी वजूद कायम करने की जरूरत है। उन्होंने बाल अधिकारों से संबंधित कानूनों व नीतियों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुरक्षित बचपन देने के लिए हम परूषों को अपनी सोच और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना होगा। उन्होंने भेदभाव रहित व हिंसा मुक्त परिवार व समाज बनाने के लिए समाज को आगे आने की बात कही।
मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े बालेश्वर राम ने कहा कि हिंसा व भेदभाव एक सामाजिक समस्या है और इसका समाधान कानून से नहीं, बल्कि समाजिक पहल से संभव है।
अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने कहा कि आज बच्चे भावनात्मक रूप से भी शोषित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में जेंडर समानता कायम करना अतिआवश्यक है। महिलाओं के साथ-साथ पुरूषों को भी इसके लिए आगे आने की जरूरत है।
मौके पर गाये गये गीत ‘‘ सौ में सत्तर आदमी फिलहाल जब नशाद है, दिल पर रखकर हाथ कहिये देश क्या आजाद है.......‘‘ एवं ‘‘ ले मशाले चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के....‘‘ काफी प्रभावकारी रहा। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रतिभागियों ने बाल अधिकारों को सुनिश्चत करने एवं महिला हिंसा की रोकथाम के दिशा में पुरूषों की भुमिका को लेकर रणनीति बनाई गयी।

Tuesday, August 9, 2016

कोडरमा में प्रारंभ हुआ चाइल्डलाइन

चाइल्डलाइन.1098 भारत सरकार के सहयोग से 24 घंटे चलनेवाली निःशुल्क आपातकालीन फोन व पहुंच सेवा है। यह उन बच्चों के लिए है जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है। जब कभी भी आपको कोई बच्चा मानसिक, आर्थिक, शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से शोषित व प्रताड़ित होता हुआ दिखे तो फोन करें 1098। जब बाल विवाह हो, बाल श्रम कराया जा रहा हो, बाल यौन शोषण के शिकार हो रहा हो या उन्हें न्याय की जरूरत हो, बाल व्यापर या बाल पलायन हो रहा हो या होने वाला हो, कोई बच्चा बीमार और अकेला हो, किसी बच्चे को आश्रय की जरूरत हो, कोई बच्चा छूट गया हो या गुम हो गया हो, कोई बच्चा पिट रहा हो, काम करवा कर बच्चे को उसकी मजदूरी न दी गयी हो, रास्ते पर किसी बच्चे का उत्पीड़न हो रहा हो, कानूनी विवाद में उलझे हुए हों, शिक्षा या विधालय संबंधी समस्या से बच्चे प्रभावित
हों, आपदा में बच्चे फंसे हों.........................तो आप फोल करें 1098।

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सामुदायिक बैठक

Domchanch के mica -mines area Dhorakola के Futalahiya गाँव में विश्व आदिवासी दिवस के
मौके पर सामुदायिक बैठक.......... जल, जंगल, जमीन, जानवर, जज्बात और संस्कृति की रक्षा करने का निर्णय.........

मीनू के हिसाब से मिलने लगा है अब बच्चो को भोजन



Domchanch के mica-mines area जंगल क्षेत्र में बसे पंचायत बंगाखलार के school के बच्चे अब साबुन से हाथ धोने
के बाद ही खाना खाते हैं और कतार में बैठकर .....  मीनू के हिसाब से मिलने लगा है अब बच्चो को भोजन................

बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि

समर्पण के प्रयास से Domchanch के mica-mines area Dhab के Ghatwari Tola स्थित
school में बच्चों की उपस्थिति में लगातार वृद्धि........ सभी बच्चे अब uniform में एव नये दरी पर............

One day meeting among anganbari sevika, Sahiyika and Sahiya

one day meeting organized among aanganbari sevika, sahayika and sahiya at Pathaldiha and
discussed on the issues of immunization, bread feeding, institutional delivery, distribution of bleaching powder, call at tall free no 1098, health for all children etc......

Wednesday, July 27, 2016

बंगाखलार पंचायत को शराब, बालश्रम, बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने का निर्णय

बंगाखलार के शिवटोला में सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पंचायत को शराब, बालश्रम,
बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने के अलावे मध्यान भोजन को नियमित करने, शिक्षकों की कमी की भरपाई, पूल का निर्माण, हाई स्कूल व स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना आदि की मांग जिलाधिकारी से करने का निर्णय लिया गया। 

Saturday, July 23, 2016

vacancy for Coordinator

Samarpan is a civil society institution working on the issues of Child Rights and protection at Koderma. For details of our work, Plz. Visit our website www.samarpanjharkhand.org
Samarpan are invited from the suitable candidate for childline on the post mentioned below on contractual basis:
Job Title
Job Location
Essential Qualifications
Salary/PM
Coordinator
Koderma
Master Degree in sociology/ Anthropology/MSW with 2-3 years experience in ground level activities, preferably in working with children is desirable. Especially in child protection and Rights will be an added qualification.
14000/

How to apply:

Interested Candidates are requested to send Application/CV at samarpanjharkhand@gmail.com or office address. The last date for receiving the application/CV for the above post is 30/07/2016 till 5:00 PM.

Note: Only shortlisted candidates will be contacted.


Thursday, July 14, 2016

Intimation of Quarterly Receipt of Foreign Contribution by Samarpan- April 2016 to June 2016

SAMARPAN, Koderma


Foreign Contribution Receipts - April 2016 to June 2016
No.
Date
Donor
Amount (In Rs.)
1.
5/5/2016
PHF, UK
8,97,550.00
2.
25/6/2016
Interest
   12,835.00
Total
9,10,385.00

Tuesday, June 28, 2016

आंगनबाड़ी केंद्र महज खिचड़ी केंद्र नहीं, बल्कि नर्सरी स्कूल हैं......

संस्था समर्पण की ओर से बाल अधिकार के मुद्दे पर एडभोकेशी और रणनीति निर्माण को लेकर जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय वर्णवाल सेवा सदन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला समाज के जिलाध्यक्ष उमा देवी ने किया।
बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस कार्यशाला में स्कूलपूर्व शिक्षा एवं शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर चर्चा की गयी। चर्चा में कहा गया कि आंगनबाड़ी केंद्र महज खिचड़ी केंद्र नहीं, बल्कि नर्सरी स्कूल हैं। यहां बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषण के साथ-साथ बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चों को खेलकूद एवं मनोरंजन के माध्यम से गिनती, वर्णमाला, रंगों की पहचान, दिनों व महीनों के नाम आदि का ज्ञान दिया जाता है। ताकि, बच्चे 6 साल के बाद व स्कूल के वातावरण में सही सलामत शामिल होकर शिक्षा ले सके। ठीक उसी तरह  6-14 आयुवर्ग के हर बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य रूप से शिक्षा मिले इसके लिए कानून बनाया गया है। समुदाय, एसएमसी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों के बगैर इस कानून का धरातलीकरण संभव नहीं है।
कार्यशाला में सलैयडीह एवं बसधरवा स्कूल व आंगनबाड़ी को माॅडल बनाने, बुनियादी सुविधाओं से लैस करने, आरटीई के नोम्र्स के अनुरूप विधालय का संचालन के लिए सरकार व प्रशासन पर दवाब बनाने, मिडिया का सहयोग लेने, आंगनबाड़ी सेविका एवं शिक्षकों को सहयोग करने, सुविधाओं के लिए बड़े पैमाने पर टाॅल फ्री नंबर (181, 1098, 18003456542, 18003456542) का प्रयोग करने, सूचना अधिकार का प्रयोग करने, बाल श्रमिक एवं छिजित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करने, एवं जागरूकता फैलाने आदि निर्णय लिये गये।

Some Paper clips







Monday, June 13, 2016

मॉडल बनेगा आंगनबाड़ी केंद्र सलैयडीह

आंगनबाड़ी केंद्र सलयडीह को जन सहयोग से मॉडल आंगनबाड़ी नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।  इस बात को लेकर माता समिति की आज बैठक हुई. 

कोडरमा का मध्य विधालय बसधरवा को माॅडल विधालय बनाने का निर्णण

कोडरमा का मध्य विधालय बसधरवा को माॅडल विधालय बनाने का निर्णण स्कूल प्रबंधन समिति ने लिया है। फिलहाल विधालय की स्थिति लचर है। अभिभावक चाहकर भी इस विधालय में अपने बच्चों को न भेजकर प्राइवेट विधालयों में भेजने को विवश है। इस स्थिति को देखते हुए समर्पण के द्वारा एसएमसी सदस्यों की बैठक बुलाई गयी। मौजूदा स्थिति की चर्चा की गयी। फिर, विधालय को आदर्श विधालय बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए विधालय में व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए सभी उच्चाधिकारियों को ज्ञांपन
सौंपने एवं शिक्षकों को सहयोग करने का निर्णय लिया गया। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि विधालय में कुल कक्षा 8 है और शिक्षक केवल 4 हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। शौचालय, बाॅन्डी वाल, किचन शैड, बर्तन, छा़त्रवृति आदि का घोर अभाव है। बैठक की अध्यक्षता एसएमसी के अध्यक्ष बैजनाथ प्रसाद यादव ने किया। इस बैठक में मुख्य रूप से समर्पण के सचिव इन्द्रमणि साहू, प्रधानाध्यापक रविन्द्र यादव, संजय कुमार यादव, जसवा देवी, रेखा देवी, सुनिता देवी, मुनिया देवी, विरेन्द्र यादव, रामचंद्र यादव, बाल संसद के सदस्य राहुल कुमार राणा, उप मुखिया उमेश यादव, बसंती देवी, क्रेज के तुलसी कुमार साव, भगिया देवी, गीता कुमारी चैरसिया, सरोज कुमारी, अमोला देवी, गजाधर कुमार आदि उपस्थित थे। 

हम न बाल विवाह करेंगे ओर न ही अपनी जानकारी में किसी का बाल विवाह होने देंगे।

संस्था समर्पण एवं क्रेज झारखंड की ओर से इंदरवा पंचायत को बाल विवाह मुक्त गांव बनाने के उद्देश्य से सलैयडीह स्कूल में शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इंदरवा पंचायत के विभिन्न गांवों में गठित किशोरी कल्ब, महिला मंडल, माता समिति, एसएमसी के सदस्यों एवं स्थानीय पंचायत
जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान यह बात कही गयी कि बाल विवाह कानूनन अपराध है। गांवों से यह प्रथा समाप्त होनी चाहिए। समुदाय की भागीदारी से ही यह प्रथा समाप्त हो सकेगी।
सामुहिक रूप से सभी उपस्थित सदस्यों ने शपथ पत्र के माध्यम से यह बात दुहराई कि हम न बाल विवाह करेंगे ओर न ही अपनी जानकारी में किसी का बाल विवाह होने देंगे। यदि ऐसा होता है तो हम इसका विरोध करेंगे। साथ ही, हम अपने-अपने गांव में भी इसकी जानकारी देते हुए एक अच्छा वातावरण का निर्माण करेंगे ताकि, गांव का हर बच्चा पढ़ सके और परिवार का, गांव का एवं राष्ट्र का नाम उंचा कर सके।

बाल मजदूर विरोधी दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ विविध कार्यक्रम


बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं बाल मजदूरी प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से संस्था समर्पण एवं चाइल्डलाईन की ओर सेे बाल मजदूर विरोधी दिवस के अवसर पर लरियाडीह एवं जयनगर में स्कूली बच्चों के साथ विविध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चाइल्ड लाईन के आशीष कुमार ने कहा कि जब कोई बच्चा बीमार और अकेला हो, बच्चे को आश्रय की जरूरत हो, कोई बच्चा यदि गुम हो गया हो, उत्पीड़न के शिकार हों तो आप ऐसे मामले को भी 1098 पर दर्ज कराया जा सकता है। यह 24 घंटे चलने वाली एक टाॅल फ्री नंबर है।
इसके बाद बच्चों ने अपनी मन की बात एवं सपनों को कागज के टुकड़ों पर पेंटिंग, निबंधन, स्लोगन एवं भाषण के माध्यम से व्यक्त की। इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों में रश्मि कुमारी, शाम्भवी, चंद्रकला मालाकार, सोनम ंिसंह, सौम्या सिंह, क्रांति कुमारी, मीरा कुमारी, कुमार आशुतोष, प्रिंस कुमार, विवेव कुमार, प्रेम राज आदि दर्जनों बच्चों ने भाग लिया।

Saturday, May 28, 2016

शराबमुक्त पंचायत बनाने हेतु सहयोग की अपील



Koderma के Bangakhalar, Dhab, Dhorakola सहित कई panchayat होंगे शराबमुक्त ।
महिलायों ने किया यह ऐलान। इस नेक काम औऱ sangharsh के लिये आप सभी का भी सहयोग जरुरी है।

Sunday, April 10, 2016

हमें गर्व है अपनी सभ्यता और संस्कृति पर ..........

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है। 
कोडरमा का इलाका इस मानकों से अछूता नहीं है।  समर्पण विगत एक साल से ऐसे ही इलाको में खाशकर डोमचांच के माइका माइंस व जंगल क्षेत्र में कार्य करना एवं ऐसे इलाकों से कुछ सीखना प्रारंभ किया है।  जहाँ बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव है।  ढोदाकोला, बंगाखलार, ढाब, सपही जैसे पंचायतों के गावों में हम जैसे लोगो को एक दिन बिताना कठिन है।  यहाँ के लोग लोकतंत्र से परे भले जरूर हों, पर अपनी संस्कृति और सभ्यता से पूरी तरह लब्बोलुआब है। यूँ तो, झारखंड क्षेत्र विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों एवं धर्मों का संगम क्षेत्र कहा जाता है। जो इस इलाको में भी देखने को मिलता है।  
2 दिन पहले जब हम अपने साथियों क्रमश आशुतोष और सन्नी के साथ गावं गए तो कई नए अनुभव हुवे. सांस्कृतिक परम्परा और समाज–संस्कृति पर विचार पर चर्चा किया। संस्कृति और लोकतंत्र में क्या अंतर है..... हुनर और ज्ञान क्या है ....   इसे जाना।सरहुल पर्व को लेकर चर्चा किया। आज मरियमपुर में आयोजित जिलास्तरीय सरहुल महोत्सव में उस इलाकों से काफी संख्या में लोग आये और झारखंडी होने का परिचय दिया. हमें गर्व है अपनी सभ्यता और संस्कृति पर ................