Tuesday, June 28, 2016

आंगनबाड़ी केंद्र महज खिचड़ी केंद्र नहीं, बल्कि नर्सरी स्कूल हैं......

संस्था समर्पण की ओर से बाल अधिकार के मुद्दे पर एडभोकेशी और रणनीति निर्माण को लेकर जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय वर्णवाल सेवा सदन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला समाज के जिलाध्यक्ष उमा देवी ने किया।
बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस कार्यशाला में स्कूलपूर्व शिक्षा एवं शिक्षा अधिकार कानून के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर चर्चा की गयी। चर्चा में कहा गया कि आंगनबाड़ी केंद्र महज खिचड़ी केंद्र नहीं, बल्कि नर्सरी स्कूल हैं। यहां बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषण के साथ-साथ बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चों को खेलकूद एवं मनोरंजन के माध्यम से गिनती, वर्णमाला, रंगों की पहचान, दिनों व महीनों के नाम आदि का ज्ञान दिया जाता है। ताकि, बच्चे 6 साल के बाद व स्कूल के वातावरण में सही सलामत शामिल होकर शिक्षा ले सके। ठीक उसी तरह  6-14 आयुवर्ग के हर बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य रूप से शिक्षा मिले इसके लिए कानून बनाया गया है। समुदाय, एसएमसी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों के बगैर इस कानून का धरातलीकरण संभव नहीं है।
कार्यशाला में सलैयडीह एवं बसधरवा स्कूल व आंगनबाड़ी को माॅडल बनाने, बुनियादी सुविधाओं से लैस करने, आरटीई के नोम्र्स के अनुरूप विधालय का संचालन के लिए सरकार व प्रशासन पर दवाब बनाने, मिडिया का सहयोग लेने, आंगनबाड़ी सेविका एवं शिक्षकों को सहयोग करने, सुविधाओं के लिए बड़े पैमाने पर टाॅल फ्री नंबर (181, 1098, 18003456542, 18003456542) का प्रयोग करने, सूचना अधिकार का प्रयोग करने, बाल श्रमिक एवं छिजित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करने, एवं जागरूकता फैलाने आदि निर्णय लिये गये।

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