Thursday, December 19, 2013

बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत जन्म निबंधन सप्ताह सह कैंप का आयोजन

कोडरमाः19 दिसंबर। बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत स्वयंसेवी संस्था समर्पण द्वारा जन्म निबंधन सप्ताह सह कैंप का आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 18 दिसंबर को कोडरमा प्रखंड अंतर्गत इंदरवा पंचायत के नावाडीह एवं गेंदवाडीह में कैंप का आयोजन किया गया। वहीं गुरूवार को चितरपुर एवं सलैयडीह गांव में जन्म निबंधन कैंप का आयोजन किया गया। इसी तरह 20 दिसंबर को इंदरवा एवं झरीटांड, 21 दिसंबर को लोकाई एवं बलरोटांड, 22 दिसंबर को बसघरवा एवं 23 दिसंबर को रतिथम्भाई गांव में आयोजन किया जायेगा। मौके पर संस्थान के प्रतिनिधियों द्वारा 0-1 आयुवर्ग के बच्चों के जन्म निबंधन हेतू आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। साथ ही, नुक्कड़ सभा का आयोजन कर जन्म निबंधन के प्रति जागरूकता पैदा किया जा रहा है। संस्थान के विजय राम ने कहा कि जन्म निबंधन कराने के कई फायदे हैं जैसे-नागरिकता व संपति का अधिकार, राषन कार्ड तथा अन्य सरकारी योजनाओं में लाभ, स्कूल-काॅलेज में दाखिला, जाति एवं आय प्रमाण पत्र बनवाने में सहूलियत, आरक्षण आदि का लाभ। संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने बताया कि जन्म से 21 दिनों के अंदर निःषुल्क, 22 दिनों से 1 वर्ष तक 5 रूपये शुल्क के साथ एवं 1 वर्ष से उपर कचहरी द्वारा सत्यापित प्रमाण पत्र एवं 10 रूपये विलंब शुल्क के साथ यह निबंधन होता है। 
कार्यक्रम को सफल बनाने में जागो फाउंडेषन के अलावे स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों, पंचायत सेवक, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं सहिया का विषेष सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम में मेरियन सोरेन, अजीमुल्लाह खान, बिन्दु देवी, सहिया रूपा देवी, बसंती देवी, राज किषोर सिंह, भीखी यादव, विजय यादव, शषी देवी, चमेली देवी, पिंकी देवी, सुनिता देवी आदि लोगों की सक्रिय भागीदारी रही।

Tuesday, December 17, 2013

मेरे पापा सबसे अच्छे विषय Awareness prog. का आयोजन

कोडरमाः 17 दिसंबर। जिम्मेदार पितृत्व अभियान के तहत स्वयंसेवी संस्था समर्पण एवं फेम झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आज म0 वि0 सलैयडीह स्कूल प्रागंण में मेरे पापा सबसे अच्छे विषय Awareness prog. का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदरवा पंचायत के मुखिया अनिता देवी ने किया। मौके पर इंदरवा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य तारा देवी, प्रधानाध्यापक सहदेव राम, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, पारा षिक्षक विजय यादव, क्रेज के तुलसी कुमार आदि उपस्थित थे।

मौके पर मुखिया अनिता देवी ने कहा कि बेटी के पढ़ने का मतलब सात पीढ़ी तक का उबारना होता है। उन्होंने कहा कि सदियों से बेटियों एवं महिलाओं के उपर शोषण होता आ रहा है। पर, अब जमाना बदला है। बेटियां अब इतिहास लिख रही हैं। उन्होंने बाल अधिकारों के संरक्षण पर विषेष प्रकाष डाला। 
पंसस तारा देवी ने कहा कि जेंडर के प्रति संवेदनषीलता जरूरी है। बेटे-बेटियों में भेदभाव करने का जमाना चला गया है। 
प्रधानाध्यापक श्री राम ने कहा कि आये दिन हो रहे शोषण और अपराध को रोकने के लिए पढ़ाई पढ़ना और साहसी बनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिता की जिम्मेदारी सिर्फ पैसा कमाकर लाना नहीं होता है बल्कि, अपनी पत्नी को सहयोग करने और बच्चों के लालन-पालन में भी होनी चाहिए। 

संगोष्ठी को क्रेज के तुलसी कुमार, कल्याण फाउंडेषन के मेरियन सोरेन, भीखी यादव, रेखा कुमारी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों ने भाग लिया। 
विषय प्रवेष संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू एवं धन्यवाद ज्ञांपन विजय राम ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्ररेणा भारती, मधुपुर एवं सीएचएसजे, नई दिल्ली का विषेष सहयोग रहा।


Sunday, December 15, 2013

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं एवं भूमि अधिकार से जुड़े मुद्दों पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन

कोडरमाः 15 दिसंबर। स्वयंसेवी संस्था समर्पण एवं दलित अधिकार सुरक्षा मंच के संयुक्त तत्वावधान में आज पंचायत भवन झुमरी में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं एवं भूमि अधिकार से जुड़े मुद्दों पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता झुमरी पंचायत के मुखिया महादेव राम ने किया। मौके पर पंसस गणेष दास, समाजसेवी नारायण दास, वार्ड सदस्य मीना देवी, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, मंजू देवी, कल्याण फाउंडेषन के सचिव मेरियन सोरेन आदि उपस्थित थे।
मुखिया महादेव राम ने कहा कि दलित समाज में आज सबसे ज्यादा खर्च दारू पीने-पिलाने में हो रहा है। जबकि, कमाई का ज्यादा हिस्सा बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में निवेष किया जाना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो सामाजिक सुरक्षा का सवाल हो, जीविका का सवाल हो या फिर भूमि पट्टा का सवाल, सभी हल होने की संभावना बढ़ जाती है।
वरिष्ठ समाज सेवी नारायण दास ने कहा कि महिलाएं आज कहीं सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित समाज आज जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कानून एवं नीतियों में जो प्रावधान है उसे लड़कर लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने हिस्से का हक पाने के लिए उपर से कोई फरिष्ता नहीं आने वाला, बल्कि खूद लड़ना होगा।
पंसस गणेष दास ने कहा कि झारखंड में 1 करोड़ 80 लाख युवा है। लेकिन, उनके पास आज कोई बेहतर सपना नहीं है। वे अपना भविष्य आंक नहीं पा रहे हैं। युवा यदि सषक्त व जागरूक होकर सरकार की ओर से चलाये जा रहे योजनाओं को ग्रासरूट में उतारने का पहल मात्र प्रारंभ करे तो फिर गांव का तस्वीर ही बदल जायेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, मंहगाई और पलायन से मुक्ति की दिषा में जाने के लिए हमें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और भूमि अधिकार से जुड़े नीतियों-कानूनों को अमलीजामा पहनाना ही होगा।
विषय प्रवेष कराते हुए संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि झारखंड में 90 फीसदी लोगों का जीविका का मुख्य स्रोत जमीन है और उनकी कौषलता खेती करना रहा है लेकिन, दुर्भाग्य यह है कि यहां 77 लाख परिवारों में करीब 34 लाख परिवार भूमिहीन है। सरकार की ओर से बंजर जमीन दलितों, गरीबों व भूखे लोगों को नहीं मिल कर आज पंूजीपतियों एवं उधोगपतियों को बड़े पैमाने पर जमीन मुहैया कराया जा रहा हैं। वन अधिकार कानून के तहत भी आज गरीबों, दलितों व वनवासियों को जमीन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब जमीन का मसला हल होने पर पूरा झारखंड खुषहाल होगा। उन्होंने कहा वन अधिकार कानून के तहत जिला में माॅनिटरिंग कमिटी बनी है पर किसी को आज तक नहीं मालूम हुआ कि कमिटि कर क्या रही है। उन्होंने कहा कि महिला मंडलों, किसान क्लबों, युवा क्लबों एवं ग्राम सभाओं को मजबूत व सषक्त करने के उद्देष्य से यह सेमिनार का आयोजन किया गया है।
मौके पर बसंती देवी, कपुरवा देवी, चमेली देवी, नेहा देवी, कुंती देवी, सुनिता देवी, विजय राम, बुधनी देवी, अनिल यादव, निरंजन कुमार, रोहित कुमार, पवन कुमार, सुधीर कुमार, मधु देवी, कविलास देवी, विक्कू कुमार, रेणु देवी, राखी कुमारी, आषा देवी, रीना देवी, दुलारी देवी, एसएमसी अध्यक्ष रमेष प्रसाद यादव, नारायण शर्मा सहित जयनगर एवं कोडरमा से कुल 80 लोगों ने भाग लिया।
धन्यवाद ज्ञांपन प्रखंड समन्वयक आषीष कुमार ने किया।