Sunday, December 15, 2013

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं एवं भूमि अधिकार से जुड़े मुद्दों पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन

कोडरमाः 15 दिसंबर। स्वयंसेवी संस्था समर्पण एवं दलित अधिकार सुरक्षा मंच के संयुक्त तत्वावधान में आज पंचायत भवन झुमरी में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं एवं भूमि अधिकार से जुड़े मुद्दों पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता झुमरी पंचायत के मुखिया महादेव राम ने किया। मौके पर पंसस गणेष दास, समाजसेवी नारायण दास, वार्ड सदस्य मीना देवी, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, मंजू देवी, कल्याण फाउंडेषन के सचिव मेरियन सोरेन आदि उपस्थित थे।
मुखिया महादेव राम ने कहा कि दलित समाज में आज सबसे ज्यादा खर्च दारू पीने-पिलाने में हो रहा है। जबकि, कमाई का ज्यादा हिस्सा बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में निवेष किया जाना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो सामाजिक सुरक्षा का सवाल हो, जीविका का सवाल हो या फिर भूमि पट्टा का सवाल, सभी हल होने की संभावना बढ़ जाती है।
वरिष्ठ समाज सेवी नारायण दास ने कहा कि महिलाएं आज कहीं सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित समाज आज जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कानून एवं नीतियों में जो प्रावधान है उसे लड़कर लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने हिस्से का हक पाने के लिए उपर से कोई फरिष्ता नहीं आने वाला, बल्कि खूद लड़ना होगा।
पंसस गणेष दास ने कहा कि झारखंड में 1 करोड़ 80 लाख युवा है। लेकिन, उनके पास आज कोई बेहतर सपना नहीं है। वे अपना भविष्य आंक नहीं पा रहे हैं। युवा यदि सषक्त व जागरूक होकर सरकार की ओर से चलाये जा रहे योजनाओं को ग्रासरूट में उतारने का पहल मात्र प्रारंभ करे तो फिर गांव का तस्वीर ही बदल जायेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, मंहगाई और पलायन से मुक्ति की दिषा में जाने के लिए हमें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और भूमि अधिकार से जुड़े नीतियों-कानूनों को अमलीजामा पहनाना ही होगा।
विषय प्रवेष कराते हुए संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि झारखंड में 90 फीसदी लोगों का जीविका का मुख्य स्रोत जमीन है और उनकी कौषलता खेती करना रहा है लेकिन, दुर्भाग्य यह है कि यहां 77 लाख परिवारों में करीब 34 लाख परिवार भूमिहीन है। सरकार की ओर से बंजर जमीन दलितों, गरीबों व भूखे लोगों को नहीं मिल कर आज पंूजीपतियों एवं उधोगपतियों को बड़े पैमाने पर जमीन मुहैया कराया जा रहा हैं। वन अधिकार कानून के तहत भी आज गरीबों, दलितों व वनवासियों को जमीन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब जमीन का मसला हल होने पर पूरा झारखंड खुषहाल होगा। उन्होंने कहा वन अधिकार कानून के तहत जिला में माॅनिटरिंग कमिटी बनी है पर किसी को आज तक नहीं मालूम हुआ कि कमिटि कर क्या रही है। उन्होंने कहा कि महिला मंडलों, किसान क्लबों, युवा क्लबों एवं ग्राम सभाओं को मजबूत व सषक्त करने के उद्देष्य से यह सेमिनार का आयोजन किया गया है।
मौके पर बसंती देवी, कपुरवा देवी, चमेली देवी, नेहा देवी, कुंती देवी, सुनिता देवी, विजय राम, बुधनी देवी, अनिल यादव, निरंजन कुमार, रोहित कुमार, पवन कुमार, सुधीर कुमार, मधु देवी, कविलास देवी, विक्कू कुमार, रेणु देवी, राखी कुमारी, आषा देवी, रीना देवी, दुलारी देवी, एसएमसी अध्यक्ष रमेष प्रसाद यादव, नारायण शर्मा सहित जयनगर एवं कोडरमा से कुल 80 लोगों ने भाग लिया।
धन्यवाद ज्ञांपन प्रखंड समन्वयक आषीष कुमार ने किया। 

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