Thursday, June 5, 2014

बाल विकास परियोजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं का जमीनीकरण हेतु कार्ययोजना निर्माण कार्यषाला का आयोजन

कोडरमाः 5 जून। स्वयंसेवी संस्था समर्पण के द्वारा आज लोकाई पंचायत भवन में समुदाय आधारित संगठनों के साथ बाल विकास परियोजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं का जमीनीकरण हेतु कार्ययोजना निर्माण कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला में मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बालेष्वर राम, विषिष्ठ अतिथि खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के कोलेष्वर गोप, खेल प्रतिभा खोज से जुड़े अषोक कुमार, अधिवक्ता षिव नंदन कुमार शर्मा, समाजसेवी नारायण शर्मा आदि उपस्थित थे। 
कार्यषाला को संबोधित करते हुए बालेष्वर राम ने कहा कि समुदाय की भागीदारी के बगैर सरकार की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकता है। उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं को पूरी सच्चाई और ईमानदारी के साथ सेवा देने की अपील की। उन्होंने ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दिन मिलने वाली सेवाओं के प्रति जागरूक होने, समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहने, पंचायत जनप्रतिनिधियों की ओर से निरंतर देखरेख करने, सेवाओं में पारदर्षिता बनाये रखने एवं समुदाय को अपनी जवाबदेही सुनिष्चित करने की बात कही। 
खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के कोलेष्वर गोप ने समेकित बाल विकास परियोजना के उद्दष्यों पर प्रकाष डालते हुए कहा कि इस परियोजना को एक सरकारी योजना की तरह न समझंे बल्कि, इसे अपने गांव-घर को सेवा करने का अवसर की तरह देखें। उन्होंने बच्चों के बचपन के साथ खिलवाड़ नहीं करने, लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं करने, बच्चों एवं बच्चों की मां को समुचित देखरेख करने की बात कही। उन्होंने खेल प्रतिभा खोज पर भी प्रकाष डाला। 
अधिवक्ता षिवनंदन कुमार शर्मा ने कहा कि आंगनाबाड़ी सेविका बच्चों के लिए दूसरी मां के समान है। एक मां जन्म देती है और गौद में रखती-पालती है तो दूसरी मां उसकी बुनियाद को मजबूत बनाने का काम करती है। इसलिए इसमें पूरी ईमानदारी और लगन की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज में उन्हीं को मान-सम्मान और पहचान मिलती है जो पूरी सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका निभाते हंै। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को माॅडल बनाने के लिए सबों की भूमिका जरूरी है। 
कार्यक्रम में समेकित बाल विकास परियोजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं, विभाग व समाज की ओर से होने वाली परेषानियों एवं महिला मंडल, युवा क्लब, किषोरी क्लब, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण समिति, माता समिति एवं निगरानी समिति आदि की भूमिका को लेकर गंभीर चर्चा हुई। मौके पर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि विभाग की ओर से हमें कम राषि मिलती है, जबकि, बाजार मूल्य उससे ज्यादा रहता है। जिस वजह से मेनू के हिसाब से टीएचआर करने में परेषानी होती है। सेविकाओं ने बताया कि केंद्र पर वजन मषीन नहीं रहने के कारण ग्रोथ चार्ट भरने में भी परेषानी हो रही है। विभाग को सारी सूचना रहने के बावजूद भी कोई साकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाती है। 
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कार्ययोजना बनाई गई। अच्छे आंगनबाड़ी सेविका या माॅडल आंगनबाड़ी को चिन्हित कर उन्हें सम्मानित करने सहित अन्य कई निर्णय लिये गये। कार्यषाला में मुख्य रूप से बसंती देवी, कार्यक्रम समन्वयक आषीष कुमार, बबीता देवी, सोनी देवी, संध्या राय, सबिता देवी, लीलावती देवी, पुरनी देवी, विजय राम, अषोक यादव, मोनू कुमार, करिष्मा कुमारी, प्रियंका कुमारी, पुनम कुमारी, अंजली कुमारी, रजनी देवी, बबीता देवी, कैलाष भुईयां सहित दर्जनों सहायिका, पंचायत जनप्रतिनिधि, महिला मंडल एवं किषोरी कल्ब के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जागो फाउंडेषन का विषेष सहयोग रहा।
संचालन संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू एवं धन्यवाद ज्ञांपन मेरियन सोरेन ने किया। 


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