Sunday, June 15, 2014

निःषुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 तथा अन्य सरकारी योजनाओं-नीतियों को लेकर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन

कोडरमाः 15 जून। बाल अधिकार जागरूकता अभियान के तहत स्वयंसेवी संस्था समर्पण के द्वारा आज स्थानीय वर्णवाल सेवा सदन में निःषुल्क एवं अनिवार्य षिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 तथा अन्य सरकारी योजनाओं-नीतियों को लेकर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में कोडरमा, जयनगर एवं मरकच्चो के एसएमसी के सदस्यों, पंचायत जनप्रतिनिधियों एवं अन्य समाजसेवियों की भागीदारी रही। 
जयनगर से आये समाजसेवी राजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि 6-14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए आरटीई-2009 लाया गया है लेकिन, चार साल के बाद भी जिला में यह पूर्णतः लागू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट स्कूलों की मनमानी बढ़ गई है। इसके अंकुष लगाने लिए जनता और प्रषासन को आगे आना चाहिए। 
बैंक आॅफ इंडिया के अधिकारी घनष्याम दास ने कहा कि षिक्षा के क्षेत्र में अनाप-षनाप पैसे खर्च किये जा रहे हैं पर नतीजे कोई खास नहीं आ रहे हैं। आज सबसे ज्यादा दलित और गरीब समुदाय के बच्चे उपेक्षित हैं। सैंकड़ों की संख्या में बच्चे आज भी होटलों, गैरजों, ढाबों और हम जैसे बाबूओं के घरों में कार्य कर रहे हैं। कोडरमा में बाल संरक्षण से संबंधित नीतियों-नियमों की अनदेखी हो रही है। इसके लिए हम सभी जिम्मेवार हैं।  उन्होंने लोगों को गलत को गलत और सही को सही बोलने और लिखने की सलाह दी। 
डालसा के बालेष्वर राम ने कहा कि हम सभी समाज के वाहक हैं। हमें एक अच्छे विचारधारा से  लैस होने और सामाजिक परिवर्तन की दिषा में सक्रिय होने की जरूरत है। उन्होंने रिजल्ट आॅरियेंटेंड कार्यक्रम करने पर बल दिया। 
समाजसेवी दिनेष रविदास ने कहा कि सरकारी योजनाएं जमीन पर नहीं बल्कि, हवा में संचालित हो रही है। इसके लिए उन्होंने सबों को नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नियमित माॅनिटरिंग व निगरानी बनाये रखने की बात कही।
अधिवक्ता षिवनंदन शर्मा ने कहा कि जब तक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी या षिक्षक के बच्चे अपने नजदीक के सरकारी विधालय में नहीं पढंेगे तबतक सरकारी विधालयों की स्थिति नहीं सुधरने वाला। उन्होंने सरकारी विधालयों को दुरूस्त करने एवं प्राईवेट विधालयों की मनमानी रवैयों के खिलाफ लोगों को एकजूट होने एवं संबंधित अधिकारियों को ज्ञांपन सौंपने या फिर न्यायलय में मामले को ले जाने की बात कही।   
मौके पर उच्चाधिकारियों एवं संबंधित आयोग को समाज के सभी सवालों को लेकर समय-समय पर ज्ञांपने सौपने, लापरवाह षिक्षकों एवं अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, योजनाओं और नीतियों के अनुपालन में नियमित निगरानी करने, योजनाओं को ंपारदर्षी एवं अधिकारियों को जबावदेह बनाने के लिए अधिकाधिक सूचनाधिकार का प्रयोग करने, आंगनबाड़ी एवं स्कूलों के संचालन में सहयोग करने, छोटे-छोटे स्तर पर ग्रामीण बैठक कर लोगों को जागरूक करने, नगर पंचायत के सभी दलित व उपेक्षित मुहल्लों के बच्चों को षिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने सहित अगामी तीन माह का कार्ययोजना निर्माण किया गया। 
सेमिनार में मुख्य रूप से अधिवक्ता रीना कुमारी, कानुनी सलाहकार तुलसी कुमार, पुर्व मुखिया बासो दास, वार्ड सदस्य रघुनाथ दास, वार्ड पार्षद अमित अनुराग, दुलारचंद्र राम, बसंती देवी, मीना देवी, सुनिता देवी, मनोज साव, राजेन्द्र दास, बिनोद दास, रामावतार सिंह, सिकेन्द्र यादव, नारायण शर्मा, महावीर दास, आषीष कुमार, संजीत पासवान, रिजवान अंसारी, आरटीआई कार्यकर्ता विजय यादव, संतोष, रामदेव, लोकेष, नितेष पाल सहित 40 लोगों ने भाग लिया। 
संचालन व विषय प्रवेष संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू एवं धन्यवाद ज्ञांपन मेरियन सोरेन ने किया।


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