Tuesday, June 11, 2013

लोभ-प्रलोभन देकर ठगी करने वाली महिला को धर-दबौचा महिलाओं ने

एक समय था जब ठगी जैसा घृणित कार्य ज्यादातर पुरूष वर्ग करते थे। लेकिन, समय के बदलते तेज रफ्तार ने न सिर्फ लोगों के विचार बदले हैं बल्कि, काम और व्यवहार भी बदल दिये हैं। जो काम पहले पुरूष वर्ग करते थे वही काम अब एक हद तक महिलाएं करने लगी हैं। चाहे उन्हें जीविकोपार्जन के लिए मजबूरी में ही क्यों न करना पड़े। कुछ ऐसा ही एक मामला बीते दिनों कोडरमा में देखने को मिला। वह भी क्रेज के अपने ही कार्यक्षेत्र में। यानि, इंदरवा, लोकाई, करमा एवं महुंडरा में। हुंआ यूं कि आषा नाम की एक महिला उक्त गांव पहुंची। क्रेज एवं समर्पण के द्वारा गठित महिला मंडलों से उन्होंने संपर्क स्थापित किया। उन्होंने नव भारत जागृति केंद्र नामक संस्था से जुड़े होने का अपना परिचय दिया। उन्होंने महिलाओं का हाल-चाल पुछने के साथ-साथ, तरह-तरह के लोभ-प्रलोभन एवं सपने दिखाना प्रारंभ किया। कहा-महिला मंडल बने इतने सालों के बाद भी आपलोग कुछ कर क्यों नहीं रहे हैं। महिलाओं ने पुछा, क्या करें, कुछ मिले तब तो। उन्होंने महिलाओं की कमजोरी भांफते हुए अपना पासा फैंकना प्रारंभ किया। कहा-हम आपलोगों को बैंक से या फिर नव भारत जागृति केंद्र से लोन दिला देंगे, इंदिरा आवास, कुंआ, जाॅब कार्ड या साथी संस्था से महिला मंडलों को मिलने वाले टीबी उन्मूलन के लिए 10,000/रूपये दिला देंगे। जिसे लौटाने की जरूरत नहीं, बल्कि, गांव में मिटिंग वगैरह करके खर्च दिखाना पड़ेगा। सलैयडीह, इंदरवा, नावाडीह, बेकोबार, Jhaरीटांड आदि गांवों में मैंने यह सब कुछ दिलाया है। उन्होंने अपनी मीठी-मीठी बातों में महिलाओं का मन बहुत जल्दी मोह लिया। आखिर मन मोहित हो भी क्यों न। आज के तारीख में कौन नहीं चाहता है धनी बनना। आखिर हुआ भी वही। उन्होंने इस फैसिलिटी के लिए 5,000/रूपये की डिमांड रखा। जिसे महिला मंडल के सभी सदस्यों ने मिलकर दे दिया। आषा मन ही मन खुष हो गया। उन्होंने यह काम न सिर्फ महुंडरा में किया। बल्कि, करमा के महिलाओं से भी 7,000/रूपये लिया। कुछ ही दिन बात यह बात मु-हजये एवं बसंती देवी को मालूम हुआ। हमलोगों ने गांव में मिटिंग किया एवं ठगी हो जाने का सूचना दिया। कहा कि इतना सबकुछ समjhaने-बु-हजयाने, षिविर-सेमिनार, कार्यषाला आदि में हिस्सा लेने के बाद भी आपलोग ठगी के षिकार कैसे हो गये। फिर महिलाओं में जोष और गुस्सा आया। महिलाओं ने अपना पैसा वापस पैसा पाने के लिए मुहिम चलाने का संकल्प लिया। मिलकर उनका घर जाने का तिथि तय किया गया। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सभी महिलाएं 8 बजे सुबह आषा के घर गये। वहां जाकर गांव वालों के साथ सबकुछ बताया। गांववालों ने भी कहा कि इनका शुरू से यही आदत रहा है। जिस किसी का भी पैसा इन्होंने लिया है उसे आज तक वापस नहीं किया है। इतना सुन कर महिलाओं ने आषा पूनम को घेर लिया और पैसा वापसी के लिए दवाब बनाना शुरू किया। चारों ओर से घिर जाने के बाद एवं उनके पति को भी इस बात की जानकारी देने के बाद आषा ने महिलाओं को लिया हुआ पैसा वापस करने की बात कही। एक सप्ताह का मौहलत लिया।
एक सप्ताह के बाद तय तारीख को भी उन्होंने पैसा वापस नहीं किया। तत्पष्चात महिलाओं ने फिर संगठित होकर उनका घर जाकर उनपर दवाब बनाया। थाना-पुलिस एवं पंचायत बुलाने की बात कही। तरह-ंउचयतरह के दवाब दिये। महिलाओं को गुस्सा एवं बात आगे ब-सजय़ते देख आषा ने महंुडरा के महिलाओं को पैसा वापस कर दिया। जिसका नेतृत्व कपुरवा देवी एवं चमेली देवी ने किया।
महिलाओं के इस पहल जहां एक ओर महिलाओं में अपनी संगठित शक्ति और आत्मविष्वास का एहसास हुआ वहीं करमा, इंदरवा, -हजयरीटांड एवं अन्य गांवों के महिलाओं ने भी महुंडरा के महिलाओं से प्ररेणा लेकर संगठित प्रयास करने का मन बनाया। लगभग 15 दिन बाद करमा के महिलाओं ने भी  उनका घर जाकर एवं दवाब बनाकर अपना पैसा वापस प्राप्त किया। इन दोनों गांवों के महिलाओं द्वारा अपने ठगे हुए पैसे की खबर से पुरूष यानि पति लोग भी खुष हैं। इस खबर से आस-पास के गांवों की महिलाओं में एक चेतना का विकास हुआ है। जहां की महिलाएं ठगी का षिकार हुई हैं वे भी दवाब बनाकर अपना पैसा वापस पाने के लिए प्रयास कर रहे है। इस पूरे अभियान में दलित अधिकार सुरक्षा मंच के बसंती देवी, क्रेज के मेरियन सोरेन का अहम भूमिका रही।
 -विजय राम

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