Friday, November 21, 2014

जनप्रतिनिधियों एवं पार्टियों के घोषणा पत्र में शामिल होना चाहिए बच्चों से जुड़े मुद्दे

बच्चों से जुड़े मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हैं। इनके मुद्दे भी जनप्रतिनिधियों एवं पार्टियों के घोषणा पत्र में शामिल होना चाहिए। मिडिया इस अभियान के हमेषा से सहयोगी व सहयात्री रहे हैं। आगे भी हमारी बस यही अपेक्षा है कि वे बच्चों से जुड़े मुद्दों को जनप्रतिनिधियों तक पहुंचानें में मदद करें। यह बातें समर्पण, क्राई, क्रेज एवं आरजेएसएस द्वारा आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए क्राई के प्रोग्राम ऐसोसिएट मैनेजर सुषांतो चक्रवर्ती ने कही। स्थानीय वर्णवाल धर्मषाला में आयोजित इस प्रेस काॅन्फ्रेंस में उक्त संस्थाओं द्वारा अगामी झारखंड विधान सभा चुनाव 2014 को देखते हुए बाल घोषणा पत्र भी जारी किया गया। 
क्रेज के अभय कुमार सिंह एवं क्राई से जुड़े अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि झारखंड में षिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बेहद खराब है। बच्चों के लिए जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हो पा रहा है। जबकि, बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा वर्ष 1989 में 0-18 वर्ष के बच्चों को जीने का, विकास का, सुरक्षा का एवं सहभागिता का अधिकार प्रदान किया गया है। 
सीडब्ल्यूसी के सदस्य राजकुमार सिन्हा ने कहा कि झारखंड में घोषित विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के बच्चे, जो राज्य के कुल आबादी का 40 प्रतिषत हिस्सा है, के मुद्दों व आवाज को राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों तक पहुंचाना है, ताकि आगामी 5 वर्षो में बच्चों के अधिकारों को मजबूती से लागू किया जा सके।
आरजेएसएस के सचिव मनोज दांगी ने कहा कि प्रदेष के सभी जिलों में विभिन्न संगठनों के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। कोडरमा में भी यह काम हम संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है। विभिन्न जिलों में एक लाख से ज्यादा लोगों के हस्ताक्षर कराने का लक्ष्य है। उन्होंने बाल अधिकार के लिए बटन दबाने की अपील की।  
मौके पर समर्पण के विजय यादव, मेरियन सोरेन, निर्भय कुल आदि कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही।
धन्यवाद ज्ञांपन समर्पण के सचिव इन्द्रमणि साहू ने किया।

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