Saturday, March 19, 2016

आंगनबाड़ी केंद्र मात्र खिचड़ी केंद्र बन कर न रह जाय......

बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषण के साथ-साथ बच्चों को शिक्षा के लिये प्रेरित करने का एक केन्द्र है आंगनबाड़ी केंद्र। जहां बच्चों को स्कूल जाने से पहले की तैयारी किया जाता है। बच्चों को खेल-कूद एवं मनोरंजन के माध्यम से गिनती, वर्णमाला की ज्ञान दिया जाता है। ताकि बच्चे 6 साल के बाद वह स्कूल के वातावरण में सही सलामत शामिल होकर शिक्षा ले सके। इसके लिए आंगनबाड़ी सेविका को प्रषिक्षण भी दिया गया है। लेकिन, न आंगनबाड़ी सेविका की ओर से और न आम पब्लिक की ओर से यह काॅन्सेप्ट पूरी तरह लागू हो पाया है कि आंगनबाड़ी नर्सरी स्कूल है। स्वयंसेेवी संस्थाओं से अच्छादित कुछेक आंगनबाड़ी केंद्र को छोड़ दिया जाय तो बाकी आंगनबाड़ी केंद्र मात्र खिचड़ी केंद्र बन कर रह गया है। हमलोगों ने पाया है कि ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों में स्कूलपूर्व षिक्षा की तैयारी नहीं किया जाता है या फिर किया जाता भी तो जैसे-तैसे। इसके पीछे निम्न कारण देखा गयाः 
  • सेविकाओं में अभिरूची की कमी। 
  • सेविका अलग से कामों में व्यस्त रहना।
  • आनन्दमयी शिक्षा के प्रति सेविकाओं में समझ की कमी।
  • केंद्र में अध्ययन तालिका का नहीं रहना। 
  • उपर लेवल से प्रोपर माॅनिटरिंग नहीं।
  • अभिभावक की लापरवाही।
  • सेविकाओं को आनंददायी षिक्षा का प्रोपर प्रषिक्षण नहीं दिया गया है।
  • लर्निंग मैटेरियल का उपयोग नहीं, टूटने-फूटने के डर से। 
  • मानदेय मिलने में देरी होने से बच्चों व कार्य के प्रति उत्साह नहीं।

उक्त सवालों व तथ्यों के आधार पर समर्पण एवं क्रेज की ओर से कोडरमा प्रखंड के इंदरवा, लोकाई एवं पांडेयडीह पंचायत के 10 गांवों में आंगनबाड़ी पहुंच अभियान चलाया जा रहा है।  

आँगनवाडी पहुंच अभियान का उद्देष्य:- 
  • 3-6 आयुवर्ग के सभी बच्चों को आँगनवाडी केन्द्र से जोडना एवं छिजन दर में कमी लाना।
  • 3-6 आयुवर्ग के सभी बच्चों को स्कूल पूर्व षिक्षा की सेवाएं उपलब्ध करवाना। 
  • आनंददायी षिक्षा के प्रति सेविकाओं में अभिरूचि पैदा करना एवं बच्चों के प्रति समर्पण का भाव जगाना।
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना।
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों में आनन्दमयी शिक्षा के लिए सामग्री सुनिश्चित कराना।
  • जिन गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है, वहां नये आंगनबाड़ी केंद्र की मांग करना।
  • आंगनबाड़ी में मिलने वाली 6 सेवाओं को सुनिष्चित कराना।
  • गर्भवती महिलाओं एवं 3-6 आयुवर्ग के बच्चे जो सेवाओं से वंचित है का लिस्ट तैयार कर एडभोकेषी करना। 
हमारा प्रयास :
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए बच्चों की उपस्थिति बढ़ाना।
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों में आनन्दमयी शिक्षा के लिए सामग्री सुनिश्चित कराना।
  • आनंदमयी शिक्षा के प्रति सेविकाओं को समझ विकसित कराना।
  • आनन्दमयी शिक्षा से बच्चों की शिक्षा स्तर को विकसित कराना।
  • आंगनबाड़ी केन्द्र से बच्चों की छिजन दर में कमी लाना।












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