Wednesday, March 30, 2016

जरूरी है षिक्षा का अधिकार कानून का 100 प्रतिषत क्रियान्वयन

कैंपेन फाॅर राईट टू एडुकेषन इन झारखंड (क्रेज) एवं संस्था समर्पण की ओर से स्थानीय वर्णवाल सेवा सदन, कोडरमा में षिक्षा अधिकार कानून 2009 एवं स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के अधिकारों एवं कर्तव्यों को लेकर जिलास्तरीय क्षमतावर्द्धन कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला के मुख्य अतिथि जिला बाल संरक्षण ईकाई के एलपीओ दिनेष कुमार पाल, राजकीयकृत मध्य विधालय इंदरवा के प्रधानाध्यापक सुभाषचंद्र, रांची से आये क्रेज के काॅर्डिनेटर अमन राज, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बालेष्वर राम, स्वराज फाउंडेषन के अजय कुमार, उमा देवी, अधिवक्ता षिवनंदन कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।
दिनेष कुमार पाल ने षिक्षा अधिकार कानून के प्रावधानों की चर्चा करते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति फिलहाल अपने दायित्व नहीं निभा रहे हैं। जिस दिन समिति अपनी भुमिका में आ जायेंगे, उस दिन से सभी सरकारी विधालय माॅडल बन जायेंगे। उन्होंने कहा कि षिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है। इसके तहत 6-14 आयुवर्ग के हर वर्ग के बच्चों को निःषुल्क और अनिवार्य षिक्षा का अधिकार है।
प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र ने कहा कि कोडरमा सरकार ने ही षिक्षा को कई श्रेणियों में बांटकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल विकास योजना निर्माण में स्कूल प्रबंधन समिति का अहम रोल है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक जागरूकता, सिक्रियता एवं सहभागिता से बच्चों का विकास एवं संरक्षण संभव है।
बालेष्वर राम ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं लेकिन, जानकारी के अभाव में इसका लाभ ग्रामीण या बच्चे नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएमसी विधालय का मैनेजर और ड्राइवर की तरह है।
अधिवक्ता षिवनंदन कुमार शर्मा ने कहा कि आरटीई में अभी भी कई खामियां है जहां संषोधन की आवष्यकता हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन से सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी विधालय में पढ़ाना प्रारंभ करेंगे, उस दिन से षिक्षा जगत में बुनियादी परिवर्तन आ जायेगा और यह काम सिस्टम में बैठे वरीय पदाधिकारी के एक निर्णय से संभव है।
जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य राजकुमार सिन्हा ने कहा कि षिक्षा का अधिकार कानून 2009 के सभी मानकों व प्रावधानों को सुनिष्चित करने के लिए षिक्षक, पंचायत जनप्रतिनिधि एवं एसएमसी सदस्यों के बीच पारदर्षिता, सहभागिता, समन्वय एवं समुचित प्रषिक्षण बहुत जरूरी है।
क्रेज के काॅर्डिनेटर अमन राज ने कानून से जुड़े तमाम पहुलूओं पर प्रकाष डालते हुए कहा कि षिक्षा अधिकार कानून का बनना देष के लिए एक बड़ी जनउपलब्धि है। इस कानून का 100 प्रतिषत क्रियान्वयन जरूरी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह कानून किताबों में सिमट कर रह गया हैं।
कार्यषाला में MHPJ के सुषील द्विवेदी, चाइल्डलाइन के संतोष कुमार वर्णवाल, कृष्ण प्रसाद, मनोज दांगी, बहादुर प्रसाद यादव, जितेन्द्र कुमार सिंह, संतोष कुमार पांडेय, रितीका कुमारी, रेखा देवी, अषोक यादव, आकांक्षा कुमारी, कुन्दन कुमार, संजय सिंह, डा0 अजय रंजन, तुलसी कुमार साव, सन्नी कुमार, आषुतोष कुमार, राजेन्द्र कुमार, बसंती, आरती, मुन्नी देवी, मुकेष कुमार, राम किषुन संुडी, आषीष कुमार सहित 60 लोगों ने भाग लिया।
संचालन संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू एवं धन्यवाद ज्ञांपन मेरियन सोरेन ने किया।

No comments:

Post a Comment